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ब्लॉग पर इस बार कुछ हट आप सभी मित्रो के लिए घुमने तो अक्सर जाना हो ही जाता है पर पहले कभी इतना विशेष ध्यान नहीं दिया पर इस साल दो बार सालासर बालाजी मंदिर राजस्थान जाने का मौका मिला तोबालाजी के दर्शन किये और मंदिर को बारीकी से देखा व मंदिर के बारे में काफी जानकारी मिली जिसे आपके सामने चित्रों के साथ प्रस्तुत कर रहा हूँ ! ब्लॉग जगत में घुमक्कड़ तो बहुत है पर कुछ से मैं परिचित हूँ इसमें नीरज भाई, संदीप भाई, योगी सारस्वत जी रितेश गुप्ता जी मुकेश पांडेय जी जी तस्वीरों के साथ यात्रा संस्मरण लिखने के लिए जाने जाते है जो सभी ब्लॉग मित्रो की पसंद है ये जहाँ भी जाते है चित्रों के साथ पूरा संस्मरण लिखते है ।
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राजस्थान के चुरू जिले के सालासर में स्थित भगवान बालाजी का मंदिर एक पवित्र धार्मिक स्थल है। भगवान हनुमान जी को समर्पित यह मंदिर सालासर के बालाजी नाम से भी विख्यात है। मंदिर में हर समय भक्तों का तांता लगा रहता है, दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पर भगवान हनुमान जी के दर्शनों हेतु आते रहते हैं। सालासर में स्थित हनुमान जी को लोग बड़े बालाजी के नाम से भी पुकारते हैं प्रत्येक वर्ष अश्विन पूर्णिमा एवं चैत्र पूर्णिमा के पावन समय पर यहां विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। इस दौरान लाखों की संख्या में भक्त भगवान बालाजी के दर्शन के लिए यहां पहुँचते हैं। इसके अलावा हर मंगलवार
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एवं शनिवार के दिन भी यहां भक्तों की भारी भीड़ रहती है यह भी प्रचलित है कि सालासर के बालाजी सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। सालासर का बालाजी मंदिर अनेक रूपों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस मंदिर में स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा जो दाढ़ी मूंछ लिए हनुमान जी के व्यस्क रूप को दर्शाती है हनुमान जी ऐसा रूप कहीं और देखने को नहीं मिलता, केवल यहीं पर आपको भगवान हनुमान जी का ऐसा रूप देखने को मिलता है........!! सालासर बालाजी मंदिर में हनुमान जयंती, राम नवमी के
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अवसर पर भंडारे और कीर्तन इत्यादि का विशेष इंतजाम होता है इस दिन भारी संख्या में लोग यहां भगवान के दर्शनों के लिए आते हैं। लगभग बीस सालों से यहां पर रामायण का अखंड पाठ होता चला आ रहा है लोग यहां स्थित एक प्राचीन वृक्ष पर नारियल बांध कर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति करते है सालासर धाम अपने चमत्कारों है और भक्तों की मनोकामनाओं के पूर्ण होने के लिए प्रसिद्ध है। लाखों श्रद्धालु इस मंदिर में आते है और नारियल बांधने, सवामनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए सवानी परंपराओं का अभ्यास करते हैं। हनुमान सेवा समिति द्वारा प्रबंधित और रखरखाव, हनुमान जयंती, चैत्री पौर्णिमा और अश्विन पौर्णिमा पर एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता है।
अगर आप धार्मिक स्थानों पर जाने के शौक़ीन है और ऐसी जगहों पर जाना अच्छा लगता है तो निश्चित तौर पर राजस्थान के चुरू जिले में स्थित सालासर बालाजी जाकर आप निराश नहीं होंगे रुकने के लिए ... सालासर बालाजी में रुकने के लिए मंदिर के आस-पास कई शहरों के नाम से धर्मशालाएँ और होटल है, जिनका किराया भी 400 रूपए से शुरू होकर 1000 रुपए तक है ! इन धर्मशालाओं में लगभग ज़रूरत की सभी सुविधाएँ मौजूद है आप अपनी सहूलियत के हिसाब से कहीं भी रुक सकते है !!
आशा है आप सभी भी समय निकल कर बालाजी के दर्शन करने जाये !!
............. धन्यवाद !!
- संजय भास्कर