06 जनवरी 2018

........ बदलाव :)


घर से दफ्तर के लिए
निकलते समय रोज छूट
जाता है मेरा लांच बॉक्स और साथ ही
रह जाती है मेरी घड़ी
ये रोज होता हो मेरे साथ और
मुझे लौटना पड़ता है उस गली के
मोड़ से
कई वर्षो से ये आदत नहीं बदल पाया मैं
पर अब तक मैं यह नहीं
समझ पाया
जो कुछ वर्षो से नहीं हो पाया
वह कुछ महीनो में कैसे हो पायेगा
अखबार के माध्यम से की गई
तमाम घोषणाएं
समय बम की तरह लगती है
जो अगर नहीं पूरी हो पाई
तो एक बड़े धमाके के साथ
बिखर जायेगा सबकुछ......!!

हर बार नया साल नयी उम्मीदें, नयी आशा लेकर आता है,
यह नया साल आपके सभी के जीवन में ढेर सारी खुशियां और खूबसूरत समय लेकर आए आप सभी को नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं !!

- संजय भास्कर