लोकल बस से उतरते ही
जैसे
हमने एक दोस्त से माचिस मांगी ,
हाथ बढ़कर ,
कर देख रहा था एक भिखारी
उसने भी हाथ पसार दिए
हमने भाषण झाड़ते हुए कहा
' भीख मांगते हुए शर्म नहीं आती ' ?
वह बोला ....
मगर भिखमंगा तो यहाँ हर एक बंदा है |
आपको आई थी क्या बाबु जी ,
माचिस मांगते हुए
माँगना तो हमारे देश का ,
केरेक्टर है,
जो जितनी सफाई से मांगे ,
वह उतना ही बड़ा
एक्टर है |
सच तो यह है बाबू जी
छोटे मांगे तो भीख बड़ा मांगे तो चंदा है ?
भीख माँगना ही आज राजनीतिज्ञों का धंधा है |