शब्दों की मुस्कुराहट :)
जिन्दगी के कुछ रंगों को समेटकर शब्दों से मुस्कुराहट बाँटने की कोशिश :)
12 अप्रैल 2010
दिल से दिल न जाने कब जुड़ जाते है....!
कुछ रिश्ते अनजाने में बन जाते है ,
पहले दिल फिर जिंदगी से जुड़ जाते है ,
कहते है उस दौर को
' दोस्ती
'
जिसमे दिल से दिल न जाने कब जुड़ जाते है |
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