26 जुलाई 2018

.... मैं अकेला चलता हूँ :)

सभी साथियों को मेरा नमस्कार कुछ व्यस्ताओ के चलते ब्लॉग को समय नहीं दे पा रहा था पर अब आप सभी के समक्ष पुन: उपस्थित हूँ अपनी नई रचना के साथ
जिंदगी में इंसान अकेले ही आया है ओर उसे अकेले ही जाना है छाया तो फिर भी उम्र भर साथ देती है मरने के बाद भी साथ देती है इसी से उपजी है ये कुछ लाइने .... उम्मीद है आपको पसंद आये.....!!

( चित्र - गूगल से साभार )

मैं अकेला चलता हूँ 
चाहे कोई साथ चले 
या न चले 
मैं अकेले ही खुश हूँ 
कोई साथ हो या न हो 
पर मेरी छाया
हमेशा मेरे साथ होती है !
जो हमेशा मेरे पीछे- २  
अक्सर मेरा पीछा करती है 
घर हो या बाज़ार
हमेशा मेरे साथ ही रहती है 
मेरी छाया से ही मुझे हौसला मिलता है !
क्योंकि नाते रिश्तेदार तो 
समय के साथ ही चलते है 
पर धूप हो या छाँव 
छाया हमेशा साथ रहती है 
और मुझे अकेलेपन का अहसास नहीं होने देती 
इसलिए मैं अकेला ही चलता हूँ ......!!
  
--  संजय भास्कर