कुछ रिश्ते अनाम होते है
पर वो रिश्ते
दिल के करीब होते है
अनाम होने पर भी रिश्ते
कायम रहते है !
पर जब भी उन्हें नाम देने
की कोशिश की जाती है !
तो जाने क्यूँ
वो रिश्ते लड़खड़ाने लगते है
नाम से रिश्ते तो बन्ध जाते है !
पर बेनाम आगे बढ़ते जाते है
न कोई बंधन और न ही कोई सहारा
सच्ची मुस्कान लिए होते है
अनाम रिश्ते !
सभी बन्धनों से मुक्त ,
बिना किसी सहारे के लम्बी दूरी तक
साथ निभाते है अनाम रिश्ते !
हमेशा दिल के पास होते है
ये अनाम रिश्ते
अपनेपन का नाम साथ लेकर ही
बस खास होते है !
( C ) संजय भास्कर