13 जुलाई 2013

बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार शेर खान को शत शत नमन :)




हमारे चहेते प्राण साहब नहीं रहे पर....हम अलविदा नहीं कहेंगे...प्राण साहब हमेशा हम सब के दिल में रहेंगे !
बॉलीवुड के दिग्गज खलनायक और चरित्र अभिनेता प्राण का शुक्रवार रात निधन हो गया । प्राण ने छह दशक के फिल्मी करियर में 400 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया। इस अभिनेता को इसी साल भारतीय सिनेमा के शताब्दी 
वर्ष में सरकार ने दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया था। खराब स्वास्थ्य की वजह से प्राण के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में शिरकत कर पाने में असमर्थ होने के कारण सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने खुद उनके घर जाकर उन्हें भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा था।
'जंजीर', 'राम और श्याम', 'उपकार', 'कश्मीर की कली', 'खानदान', 'हीर रांझा' में उनकी भूमिकाएं अब भी लोगों के जेहन में ताजा हैं। प्राण का अंतिम संस्कार शनिवार को दादर के शिवाजी पार्क में होगा। 

12 फरवरी, 1920 को दिल्ली में जन्मे प्राण कृष्ण सिकंद ने अपने दौर के लगभग सभी नायकों के साथ खलनायक की भूमिका निभाई। दिलीप कुमार की 'राम और श्याम' के गजेन्द्र को यादकर आज भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं। हर फिल्म में उन्होंने खलनायकी का एक नया रंग भरा।  लेकिन, जब मनोज कुमार ने 'उपकार' में उन्हें मस्त मौला मलंग की भूमिका दी तो उन्होंने अपनी ही छवि बदल दी। पहली बार निर्माता-निर्देशकों को लगा कि वे सहयोगी और चरित्र भूमिकाएं भी निभा सकते हैं। अमिताभ बच्चन की 'जंजीर' में उन्होंने शेर खान की यादगार भूमिका की। अमिताभ के ही शब्दों में प्राण ने हिंदी सिनेमा को अपनी कलाकारी से प्राण दिया।
प्राण ने बॉलीवुड की तीन सौ से अधिक फिल्मों में काम किया था। उनके संवाद अदायगी की शैली को लोग कभी नहीं भूल सकते हैं ।
इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में कई बार खलनायकों ने नायकों से ज्यादा नाम कमाया. प्राण भी उनमें से ही एक थे. अपने जानदार और ‘कातिलाना’ अभिनय से निगेटिव रोल में भी प्राण फूंकने वाले अभिनेता प्राण को  हाल ही में दादा साहब फाल्के पुरस्कार दिया गया था।
अभिनेता प्राण को दशकों तक बुरे आदमी (खलनायक) के तौर पर जाना जाता रहा और ऐसा हो भी क्यों ना, पर्दे पर उनकी विकरालता इतनी रियल लगती थी कि लोग उसे ही उनकी रियल इमेज मानते रहे.

लेकिन रियल लाइफ में प्राण बेहद सरल और साधारण किस्म के इंसान थे।


 इस महान कलाकार को विनम्र श्रद्धांजलि.....!!!

 @ संजय भास्कर