खामोश रही तू,
मैंने भी कुछ न कहा,
जो दिल में था हमारे,
दिल में ही रहा
न तूने कुछ कहा
न मैंने कुछ कहा
धड़कनों ने आवाज दी,
निगाहें फिर भी खामोश रही,
ग़म दोनों को होता था जुदाई का,
जिसे हमने खामोशी से सहा
न तूने कुछ कहा
न मैंने कुछ कहा
सोचता हू मै अब,
मौका इज़हार का कब आएगा,
जब दिल में छुपे जज़्बात
लबो पे अल्फाज़ बन सज जाएगा
सोचते ही रह गए हम
......न तूने कुछ कहा
जो दिल में था हमारे,
दिल में ही रहा
न तूने कुछ कहा
न मैंने कुछ कहा
धड़कनों ने आवाज दी,
निगाहें फिर भी खामोश रही,
ग़म दोनों को होता था जुदाई का,
जिसे हमने खामोशी से सहा
न तूने कुछ कहा
न मैंने कुछ कहा
सोचता हू मै अब,
मौका इज़हार का कब आएगा,
जब दिल में छुपे जज़्बात
लबो पे अल्फाज़ बन सज जाएगा
सोचते ही रह गए हम
......न तूने कुछ कहा
......न मैंने कुछ कहा !
-- संजय भास्कर
159 टिप्पणियां:
प्रेम की मूक अभिव्यक्ति..
विरह वेदना भी है आप की कृति में..
बिना कुछ कहे समझने की कला ही प्रेम है...
मेरे पसंद की कविता मिली बहुत दिनों बाद..
सोचता हू मै अब,
मौका इज़हार का कब आएगा,
जब दिल में छुपे जज़्बात
लबो पे अल्फाज़ बन सज जाएगा
सोचता हू मै अब,
मौका इज़हार का कब आएगा,
जब दिल में छुपे जज़्बात
लबो पे अल्फाज़ बन सज जाएगा
ये ख़ामोशी भी बोल उठी है आपकी इस रचना के माध्यम से...
विरह में भी प्रेम की सुन्दर अभिव्यक्ति के लिए आभार..
सोचता हू मै अब,
मौका इज़हार का कब आएगा,
जब दिल में छुपे जज़्बात
लबो पे अल्फाज़ बन सज जाएगा
बहुत खूब कहा है इन पंक्तियों में ...बेहतरीन प्रस्तुति ।
धड़कनों ने आवाज दी,
निगाहें फिर भी खामोश रही,
ग़म दोनों को होता था जुदाई का,
जिसे हमने खामोशी से सहा--"
न तुने कुछ कहा न मेने कुछ सुना --बहुत बढ़िया संजय !
एक गीत याद आ रहा है :-
"जाने क्या तुने कही
जाने क्या मैने सुनी
बात कुछ बन ही गई--"
मन में उठते भावों को सुन्दर शब्द दिए हैं
खामोश मोहब्बत खामोशी मे खो गयी………………बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति।
बहुत सुन्दर भाव हैं. खूबसूरत अभिव्यक्ति.
ऐसे ही लिखते रहें..
दुनाली पर देखें
चलने की ख्वाहिश...
.न तूने कुछ कहा
......न मैंने कुछ कहा !
...bahut badiya premmayee prastuti.. prem kee mookbhasha bahut kuch kah jaati hai...
बहुत बढ़िया संजय जी, बहुत ख़ामोशी भरा लिखा आपने
जब दिल में छुपे जज़्बात
लबो पे अल्फाज़ बन सज जाएगा
सोचते ही रह गए हम
......न तूने कुछ कहा
......न मैंने कुछ कहा !
bahut khoob bhai
shandar....
बिना कहे ही बहुत कुछ कह दिया...
भावनाओं का सुंदर शब्दांकन | बधाई|
...न तूने कुछ कहा
......न मैंने कुछ कहा !
-वाह!! क्या बात है. बहुत बढ़िया.
आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (30.04.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
......न तूने कुछ कहा
......न मैंने कुछ कहा !
सुंदर पंक्तियाँ. क्या बात है.
ऐसी भी क्या बात हो गई भई कि
......न तूने कुछ कहा
......न मैंने कुछ कहा !
hmmm.. :)
wo theek hai ki khamoshi ko bhi kabhi khamoshi se baat karne deni chahiye.. par bhaiya jee.. judaai ki baat kyun?
sunder abhivyakti aankhon ki bhasha dil ki juban ban gayee...
...प्रेम की अभिव्यक्ति ऐसे भी होती है...कभी, कभी!...सुन्दर रचना..मेरी नई पोस्ट बात का बतंगड पर देखिएं!
…बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति।
jiski jhalak main krar bhut h. dost uska milna duswar bhut h,
बढ़िया अभिव्यक्ति ! शुभकामनायें संजय !
बहुत सुंदर शब्दों में ह्रदय में उमड़े प्रेम को अभिव्यक्त किया है आपने .....अब क्या कहूँ ....??????!
Nice post.
1-ईनाम घोटाले के शिकार बने सलीम ख़ान Blog Fixing
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/04/blog-fixing_28.html
2- क्या आपने देखा सलीम खान का वह चर्चित इंटरव्यू जो लिया गया आज सुबह It's hot.
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/04/its-hot.html
3- रिश्तों से रिसता दर्द, रविवार डॉट कॉम में सारदा लहांगीर
http://pyarimaan.blogspot.com/2011/04/blog-post_29.html
4- खुशामद भी जरूरी है
http://mushayera.blogspot.com/2011/04/blog-post_2033.html
5- 'तारीफ़ और खुशामद में फ़र्क़' Praise
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/04/praise.html
दिल से लिखी गई रचना दिल को छू गई। आभार।
kuch kaha bhi na gya
par ye khamosi hi sab kuch gayi
वाह वाह बहुत खूब।
ना कुछ कहा ना कुछ सुना। लेकिन सबकुछ समझा दिया।
वाह वाह बहुत खूब।
ना कुछ कहा ना कुछ सुना। लेकिन सबकुछ समझा दिया।
prem esa hi to hota hai
कुछ न कहकर भी सब कुछ कह देना..., प्रेम की भाषा ही कुछ अलग है।
बहुत अच्छी कविता।
जब शब्द मौन हो जाते हैं तब मौन का स्वर मुखर होता है जो न जाने कितनी बातें कह जाता है...मौन ही बात करता है...
अच्छी रचना...
भाव से भरा हो मन, तो शब्द झूठे पड़ते हैं.
जब दिल में छुपे जज़्बात
लबो पे अल्फाज़ बन सज जाएगा
सोचते ही रह गए हम
......न तूने कुछ कहा
......न मैंने कुछ कहा !
वाह बहुत सुंदर ख़ामोशी को शब्दों के पंख. कभी ख़ामोशी ही सब कुछ कह देती है. बधाई.
sundar abhivyakti........
इसी कहने सुनने की कमी से जाने कितने जवां दिल शहीद हो जाते हैं । भावपूर्ण रचना ।
@ आशुतोष जी..
लबो पे अल्फाज़ बन सज जाएगा
@ संध्या शर्मा जी..
बिलकुल सही कहा आपने संध्या जी
@ सदा जी..
.........बहुत बहुत आभार
@ दर्शन कौर धनोए जी..
..............बहुत बहुत आभार
@ संगीता स्वरुप ( गीत ) जी..
आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
धन्यवाद,
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
@ वन्दन जी..
........बहुत बहुत आभार
@ ऍम सिंह जी..
........बहुत बहुत आभार
@ कविता रावत जी..
........बहुत बहुत आभार
@ अनजान जी..
........बहुत बहुत आभार
@ चिराग जी..
........बहुत बहुत आभार
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
बहुत खूब कहा
बेहतरीन प्रस्तुति ।
sanjay ji,
bahut sunder rachna.......
बहुत खूब, वाह।
न तूने कुछ कहा
न मैंने कुछ कहा
चलो कहने सुनने से परे हो जायें
बिना किसीके कुछ बोले और सुने ही बहुत कुछ कह और सुन लिया जाता है ! बहुत ही सुन्दर रचना संजय जी ! बड़ी जीवंत भावुकता भरी हुई है इस रचना में ! बहुत सुन्दर !
bhavbhini kavita...bhadhai sanjay ji
भाव पुर्ण ओर अति सुंदर प्रस्तुति...
खुबसूरत एहसास जो सिर्फ दर्द बनकर रह गये |
सुन्दर अंदाज़ |
न तूने कुछ कहा
न मैंने कुछ कहा !
bahut achcha likhe.....
न बोले तुम न मैंने कुछ कहा.
उत्तम भावाभिव्यक्ति...
टोपी पहनाने की कला...
गर भला किसी का कर ना सको तो...
bahut khubsurat bolti hui rachana...aese bhi hota hai ki kabhi kabhi insaan sochta hi rah jata hai...kehte hai ki kehne ke lie sabdo ki jarurat hoti hai..lekin nhi kehne ke lie sirf or sirf hauslo ki jarurat hoti hai...jo sab me nhi hota...bhut acchhi lagi...
सोचते ही रह गए हम
......न तूने कुछ कहा
......न मैंने कुछ कहा !
बहुत सही लिखा है आपने ! बहुत सुन्दर....
वाह भाई वाह! बहुत सुन्दर... न तुने कुछ कहा न मैंने कुछ कहा! देखते ही देखते आँखों से प्यार हो गया !!
बहुत ही सुन्दर लगी आपकी कविता. गहन अभिव्यक्ति!
सोचते ही रह गए हम
......न तूने कुछ कहा
......न मैंने कुछ कहा !
भावनाओं का बहुत सुंदर चित्रण . ...
सुन्दर ज़ज्बात...!!
sunder kavy nirupan --
खामोश रही तू,
मैंने भी कुछ न कहा,
जो दिल में था हमारे,
दिल में ही र--
samvedanshil kriti.shukriya ji.
धड़कनों ने आवाज दी,
निगाहें फिर भी खामोश रही,
ग़म दोनों को होता था जुदाई का,
जिसे हमने खामोशी से सहा
न तूने कुछ कहा
न मैंने कुछ कहा
कुछ न कहते हुए भी बहुत कुछ कह दिया है इस कविता ने.
मोहब्बत का इजहार करने में देर नहीं करनी चाहिए |
wah bahut khoob.....dil ko chu gayi apki ye rachna
......न तूने कुछ कहा
......न मैंने कुछ कहा !
बेहतरीन अभिव्यक्ति ...
बहुत अच्छी प्रस्तुति |बधाई
आशा
प्यार में अक्सर ऐसा होता है...आँखें बोलती रह जाती हैं पर ज़बान उनका साथ नहीं दे पाती और ऐसे में हम अक्सर उसे खो बैठते हैं....इस कविता का भी यही डर है...खो बैठने का...
aapkee rachana bhavo ko shavd de gayee....
sunder prastuti.
इसलिए ... कभी कभी इज़हार करना बहुत अच्छा होता है ... सुंदर रचना संजय जी ...
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति , ख़ामोशी भी बहुत कुछ कहती हैं बस उसको समझने वाली नजर चाहिए.
sanjay bhai........lagta hai saadi ke baad shrimati jee mayke chali gayee..usi virah me aapne itni pyari se rachna post kar di...hai na!!!
namaskaar ji
hum chup nahi rahenge
nahi koi gam sahenge
baar baar kahenge
sanjay ji mahan hein
bahut sunder dil ko chu lene wali rachna
badhai sweekar kare janab
खामोश रही तू,
मैंने भी कुछ न कहा,
जो दिल में था हमारे,
दिल में ही रहा
wah bhaskar saab .. bahut khub
hamare blog per aane ke lile baht bahu dhanywad
avinash001.blogspot.com
Awesome ....
wo jo thi khamosh mahobbat
aaj wo chekh baan gai hai
tere wado ki
mere etbaar ki ....
ग़म दोनों को होता था जुदाई का,
जिसे हमने खामोशी से सहा
न तूने कुछ कहा
न मैंने कुछ कहा
वाह संजय जी दिल की आवाज को कितनी ही खूबसूरती से आपने शब्द दे दिए. बहुत ही उम्दा पोस्ट. बधाई.
"जो दिल में था हमारे,
दिल में ही रहा"
भास्कर जी प्रणाम !
प्रेम का अबोला.....धडकनों का शोर ....नयनों की खामोशी....
शायद प्रेम की यही भाषा होती है.....
मैंने भी इसी भाषा में कुछ रचने की कोशिश की है ....आपका मार्गदर्शन आवश्यक है .....समय मिला तो आईयेगा जरुर .....
हां यही प्यार है
sanjay ji
ye khmoshi bhi kabhi -kabhi virah me sukhad aanand de jaati hai jab prem ki sweekarokti yun hi muk hi bane rahne par mil jaati hai .par jyaada der ki khamoshi kabhi -kabhi bahut hi kasht dayak hoto hai.
bahut hi marmko saprsh karne waliprastuti
bahut bahut badhai
poonam
khaosh lafzon ki bayani acchi lagi...bahut badhiya Sanjay.
प्रेम की मूक अभिव्यक्ति..
बहुत अच्छी प्रस्तुति |बधाई
खामोशी भी शालीन लगती है ,बहुत खूब .....शुभकामनायें!
बहुत सुन्दर भाव हैं| खूबसूरत अभिव्यक्ति|बधाई|
सोचता हू मै अब,
मौका इज़हार का कब आएगा,
जब दिल में छुपे जज़्बात
लबो पे अल्फाज़ बन सज जाएगा
सोचते ही रह गए हम
......न तूने कुछ कहा
......न मैंने कुछ कहा !
behad khoobsurat...........
मन में उठते भावों को सुन्दर शब्द दिए हैं
वाह!!!वाह!!! क्या कहने, बेहद उम्दा
Beautiful as always.
It is pleasure reading your poems.
sanjay ji..
regards
Preeti
बहुत सुंदर रचना.... अंतिम पंक्तियों ने मन मोह लिया...
'............न तूने कुछ कहा
............न मैंने कुछ कहा '
***********पर कुछ शेष भी न रहा
सुन्दर रचना
मौन प्रेम की खूबसूरत अभिव्यक्ति..
@ अर्चना जी..
............बहुत बहुत आभार
@ नवीन चतुर्वेदी जी..
............बहुत बहुत आभार
@ समीर लाल जी..
............बहुत बहुत आभार
@ भूषण जी..
............बहुत बहुत आभार
@ रश्मी स्वरुप
............बहुत बहुत आभार
@ कविता जी..
............बहुत बहुत आभार
आप सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत आभार ! इसी तरह समय समय पर हौसला अफज़ाई करते रहें ! धन्यवाद !
@ डा. अरुणा कपूर जी..
..........बहुत बहुत आभार
@ अरुण रॉय जी..
..........बहुत बहुत आभार
@ पवन राजपूत जी..
..........बहुत बहुत आभार
@ सतीश सक्सेना जी..
..........बहुत बहुत आभार
@ केवल राम जी..
..........बहुत बहुत आभार
@ डॉ अनवर जमाल जी..
..........बहुत बहुत आभार
धन्यवाद, मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए और बहुमूल्य टिपण्णी देने के लिए
@ अरुण साथी जी..
@ दीप्ति शर्मा जी..
@ नीरज जाट जी
@ दिलबाग विर्क जी..
@ महेंदर वर्मा जी..
@ वीणा जी..
..........बहुत बहुत आभार
धन्यवाद, मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए और बहुमूल्य टिपण्णी देने के लिए
बहुत शानदार पोस्ट ......धन्यवाद
और ज़िन्दगी ऐसे ही अनगिनत अनकहे लम्हों से होकर गुज़रती चली जाती है !
बहुत सुन्दर भाव !
बेहतरीन अभिव्यक्ति !
बहुत सुंदर!..
न तूने कुछ कहा
न मैंने कुछ कहा
धड़कनों ने आवाज दी,
निगाहें फिर भी खामोश रही,
ग़म दोनों को होता था जुदाई का,
जिसे हमने खामोशी से सहा
powerful conversation is this. it never ends.
...मेरे ब्लोग 'बात का बतंगड..' पर आइए...आप के बारे में मुझे जो अच्छा लगा, वही मैने कहा है!
humare blog par aana accha laga aapka dhnaywad
aap to bahut hi accha likhte hein
badhai
aasha karta hoon ki hum naye bloger ko aapka sahyog mlta rahega
संजय भाई अब तो आप शादी शुदा हैं.
उनसे कहो अब जो भी कहो,पर चुप न रहना,प्लीज.
दिल की बातें दिल में न रखना
वो चुप रहें,तो भी ,आप बोल देना.
बहुत सुंदर शब्दों में ह्रदय में उमड़े प्रेम को अभिव्यक्त किया है आपने.....बहुत सुंदर!..
बहुत ख़ूबसूरत कविता! काफी दिनों के बाद आपके ब्लॉग पर आकर सुन्दर कविता पढ़ने को मिला जिसके लिए धन्यवाद! कविता के साथ साथ चित्र भी लाजवाब!
वाह !
इस कविता का तो जवाब नहीं !
......सुंदर रचना संजय जी
Kya baat hai Sanjay ji
hamre blog par aakr hame comments ke roop me protshahn dene ke liye dhanyawaad.........
agar aap hamare blog par na aate to hum appki itni sundar rachnao ko kaise padh pate .........
bahut sundar aabhar
क्या बात है..
बड़ी प्यारी कविता लिख डाली है...
बहुत सुन्दर
भावपूर्ण रचना ।
श्रीमान जी, मैंने अपने अनुभवों के आधार ""आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें"" हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है. मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग www.rksirfiraa.blogspot.com पर टिप्पणी करने एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.
वाऊ नाईस
SIR PAHLI BAAR AAPKE BLOG PAR AAYA HUN AAPKI YE RACHNA PADHKAR DIL BAAG BAAG HO GYA. . . AAPNE MERE BLOG PAR AAKAR ME UTSAH BDHAYA USKE LIYE TAHE DIL SE SUKRIYA KARTA HUN. . . . ME BHI IS BLOG JAGAT KO NIRASH NAHI KARUNGA OR ACHI RACHNAYE DENE KI KOSIS KARUNGA. . . . (APKA AWARA SAJAN) JAI HIND JAI BHARAT
congratulations on completing century in comments as usual.
wonderful.
बहुत सुन्दर
मोहसिन रिक्शावाला
आज कल व्यस्त हू -- I'm so busy now a days-रिमझिम
संजय बाबू आप तो हीरो हो ब्लोगिंग कि दुनिया के .....हीएरो कहूं या बादशाह ...समझ में नही आता ...भाई जी आपसे मिलकर भी उतना ही सुख हुआ जितना आपको पढ़कर हुआ है.....देरी के लिए माफ़ी छठा हौं....देरी इस कारण हुई कि आपका कोई लिंक नही था मेरे पास ...किसी और कि कविता में आपकी टिप्पड़ी को पकड़ कर आप तक पहुंचा हूँ ..अब अनुसरण कर के जा रहा हूँ...अत रहूँगा...और आपको न्योता दे रहा हूँ कि नाचीज़ कि छोटी सी दुनिया तक भी अपने पावन चरणों को ले चलें और हमें धन्य करें.....!
जो दिल में था हमारे,
दिल में ही रहा
न तूने कुछ कहा
न मैंने कुछ कहा
धड़कनों ने आवाज दी,
निगाहें फिर भी खामोश रही,
ग़म दोनों को होता था जुदाई का,
जिसे हमने खामोशी से सहा
न तूने कुछ कहा
न मैंने कुछ कहा....
.सुन्दर रचना ...मगर संजय बाबू ..नौजवानों को ..ज्यादा विरह बर्दास्त नही करना चाहिए ...क्या मेरी उम्र के हो जाओगे तब कुछ कहोगे और सुनोगे .... तब फिर लिखते रहना मेरी ही तरह "दर्द के पन्ने"!
कहना भी नहीं........?
भावनाओं को सुन्दर शब्द दियें हैं आपने, आभार.
satak ki bahut bahut badhai
बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति संजय जी
nice post.
अगर आप बड़ा ब्लॉगर बनना चाहते हैं तो आपको भी अपने अंदर निरालापन ज़रूर लाना होगा Be a unique blogger
उसे साथ रखोगे तभी इज़्हार होगा ना! अच्छी रचना। शुभकामनायें।
सच कहा आपने। जब बिना कहे ही बात बन जाये तो, क्यों कहें, हम कुछ।
Oh! It's really good to read such writing full of love, emotions. Congrats.
Oh! It's really good to read such writing full of love, emotions. Congrats.
खामोशी की सुंदर अभिव्यक्ति |बधाई |
आशा
मातृदिवस की शुभकामनाएँ!
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाऐं.
बिल्कुल सही फ़रमाय आपने
बहुत दिन बाद आया आपके ब्लॉग पर क्या करे इम्तेहान चल रहे है
kya baat hai sukriya
khamosi....pyar ka ek ang hai...
बढि़या कविता। इस पर दो लाइन अर्ज हैं-
मुमकिन है अपने दरमियां कुछ गुफ्तगू मगर, खामोशी की दीवार ये गिरा तो दीजिये।
Kabhi kabhi bina kahe hi sab kchh kah diya jata hai.
............
तीन भूत और चार चुड़ैलें।!
14 सप्ताह का हो गया ब्लॉग समीक्षा कॉलम।
@ राहुल जी..
@ रचना दीक्षित जी..
@ अमृता तन्मय जी..
@ डॉ दाराल जी..
@ दीपक सैनी जी..
@ सुमन जी..
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
@ परवीन पाण्डेय जी..
@ ऍम वर्मा जी..
@ साधना वैद जी..
@ अर्चना जी..
@ राज भाटिया जी..
@ मीनाक्षी पन्त जी..
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
@ मृदुला प्रधान जी..
@ सुशील जी..
@ आरती झा जी..
@ मदन शर्मा जी..
@ अरविन्द जांगिडजी..
@ डॉ शरद सिंह जी..
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
@ पूनम जी..
@ उदयवीर सिंह जी.
@ कुंवर कुसुमेश जी..
@ नरेश राठौर जी..
@ रेवा जी..
@ दीपक बाबा जी..
....आपका बहुत बहुत आभार....
सोचते ही रह गए हम
......न तूने कुछ कहा
......न मैंने कुछ कहा !
aur itni lambi line paar karke ab kahun to kya , 132 tippani to medal hai - hai n ?
होता है। एक उम्र में सबके साथ ऐसा बार-बार होता है। उम्र की यह मादकता ईश्वर की अनुपम देन है।
'...bina kahe sune hi baat ho gayi..'
gana yaad aa gaya , achha likha hai sanjay
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
133 लोगों ने बात कह दी, फिर भी कुछ न कहा।
मौन होकर भी कभी-कभी हम बहुत कुछ कह जाते हैं।
ये दिल के ज़ज्बात भी अजीब है
थोड़े पास ,थोड़े दूर है
ना कुछ कहने दे
ना चुप रहने दे
दिल की टीस रहे रहे
के ना सोने दे
ना रोने दे .........(.अंजु....अनु )
apne blog par aapki tippani ke madhyam se yahan pahuchi hoon.bahut bhaavpoorn rachna padhne ko mili.aapka bahut bahut shukriya.apeksha rakhti hoon ki aage bhi apne precious comment se utsaahvardhan karte rahenge.
सोचते ही रह गए हम
......न तूने कुछ कहा
......न मैंने कुछ कहा !.....
ज़िंदगी में कई बार ऐसा होता है कि आप दिल की बात होठों तक नहीं ला पाते हो..बहुत सुन्दर अहसास और उनकी सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति..
nice bhaiya
प्रिय दोस्तों! क्षमा करें.कुछ निजी कारणों से आपकी पोस्ट/सारी पोस्टों का पढने का फ़िलहाल समय नहीं हैं,क्योंकि 20 मई से मेरी तपस्या शुरू हो रही है.तब कुछ समय मिला तो आपकी पोस्ट जरुर पढूंगा.फ़िलहाल आपके पास समय हो तो नीचे भेजे लिंकों को पढ़कर मेरी विचारधारा समझने की कोशिश करें.
दोस्तों,क्या सबसे बकवास पोस्ट पर टिप्पणी करोंगे. मत करना,वरना......... भारत देश के किसी थाने में आपके खिलाफ फर्जी देशद्रोह या किसी अन्य धारा के तहत केस दर्ज हो जायेगा. क्या कहा आपको डर नहीं लगता? फिर दिखाओ सब अपनी-अपनी हिम्मत का नमूना और यह रहा उसका लिंक प्यार करने वाले जीते हैं शान से, मरते हैं शान से
श्रीमान जी, हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु सुझाव :-आप भी अपने ब्लोगों पर "अपने ब्लॉग में हिंदी में लिखने वाला विजेट" लगाए. मैंने भी लगाये है.इससे हिंदी प्रेमियों को सुविधा और लाभ होगा.क्या आप हिंदी से प्रेम करते हैं? तब एक बार जरुर आये. मैंने अपने अनुभवों के आधार आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है.मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.
क्या ब्लॉगर मेरी थोड़ी मदद कर सकते हैं अगर मुझे थोडा-सा साथ(धर्म और जाति से ऊपर उठकर"इंसानियत" के फर्ज के चलते ब्लॉगर भाइयों का ही)और तकनीकी जानकारी मिल जाए तो मैं इन भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करने के साथ ही अपने प्राणों की आहुति देने को भी तैयार हूँ.
अगर आप चाहे तो मेरे इस संकल्प को पूरा करने में अपना सहयोग कर सकते हैं. आप द्वारा दी दो आँखों से दो व्यक्तियों को रोशनी मिलती हैं. क्या आप किन्ही दो व्यक्तियों को रोशनी देना चाहेंगे? नेत्रदान आप करें और दूसरों को भी प्रेरित करें क्या है आपकी नेत्रदान पर विचारधारा?
यह टी.आर.पी जो संस्थाएं तय करती हैं, वे उन्हीं व्यावसायिक घरानों के दिमाग की उपज हैं. जो प्रत्यक्ष तौर पर मनुष्य का शोषण करती हैं. इस लिहाज से टी.वी. चैनल भी परोक्ष रूप से जनता के शोषण के हथियार हैं, वैसे ही जैसे ज्यादातर बड़े अखबार. ये प्रसार माध्यम हैं जो विकृत होकर कंपनियों और रसूखवाले लोगों की गतिविधियों को समाचार बनाकर परोस रहे हैं.? कोशिश करें-तब ब्लाग भी "मीडिया" बन सकता है क्या है आपकी विचारधारा?
टिप्पणियों की बरसात आपके ब्लॉग पर देख कर मन गदगद हो जाता है,वाह सेंचुरी मास्टर वाह.
Dil ko chhu liya bhaiya bhaskar aapne.
mubarkabad.
आपकी पोस्ट पर 141 टिप्पणियाँ.....गुरु मेरा सिर घूम गया. आपके ब्लॉग की कीमत है - Rs 162,650.19
यह ब्लॉग मुझे दे-दे ठाकुर....
राग अनुराग का मौन चित्रण
sunadr adbhut , man ki vednaa ka spsht chitran ,
खुबसूरत एहसासों से सजी सुन्दर रचना |
khamoshi ka jabab nahi.......:)
संजय जी,
जो दिल में था हमारे,
दिल में ही रहा।
.... न तूने कुछ कहा,
..... न मैंने कुछ कहा।
बेहतरीन रचना
संजय जी, मेरा मानना है कि अगर कुछ कह ही दिया जाये, या सभी लोगों को कुछ कहने की इजाजत मिल जाये, तब शायद आज ब्लॉग बेहतरीन रचनाओं से सूने होते?
सो ... ठीक है, बाबू जी (बच्चन जी)के शब्दों में जो मन का हो अच्छा, जो न हो वह उससे भी अच्छा?
अगर आपका कहा उन्होंने और उनका कहा आपने सुन लिया होता तो आज हम लोग कुछ बेहतरीन सुनने से चूक जाते?
अच्छा लगा पढ़ कर।
---------
रवि कुमार बाबुल
ग्वालियर
कुछ न कहकर भी सब कुछ कह देना..., प्रेम की भाषा ही कुछ अलग है।
बहुत अच्छी कविता।
न तूने कुछ कहा,
..... न मैंने कुछ कहा।
सुन्दर रचना
www.poeticprakash.com
सुन्दर रचना ...
nice
kuch lines to bahut achhi hai
बहुत ही सुन्दर लिखा है अपने इस मैं कमी निकलना मेरे बस की बात नहीं है क्यों की मैं तो खुद १ नया ब्लोगर हु
बहुत दिनों से मैं ब्लॉग पे आया हु और फिर इसका मुझे खामियाजा भी भुगतना पड़ा क्यों की जब मैं खुद किसी के ब्लॉग पे नहीं गया तो दुसरे बंधू क्यों आयें गे इस के लिए मैं आप सब भाइयो और बहनों से माफ़ी मागता हु मेरे नहीं आने की भी १ वजह ये रही थी की ३१ मार्च के कुछ काम में में व्यस्त होने की वजह से नहीं आ पाया
पर मैने अपने ब्लॉग पे बहुत सायरी पोस्ट पे पहले ही कर दी थी लेकिन आप भाइयो का सहयोग नहीं मिल पाने की वजह से मैं थोरा दुखी जरुर हुआ हु
धन्यवाद्
दिनेश पारीक
http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/
http://vangaydinesh.blogspot.com/
sanjay kafi achha likha hai khamoshi ko.........
कुछ कहने का आपका ये अंदाज़ बहुत पसंद आया....
पर ये है तो सही की -' "ना मैंने कुछ कहा ,न तुने कुछ कहा " !!वाह.... :)
हमारे ब्लॉग पर आकर इतनी बहुमूल्य तिपद्दियाँ देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार!!
धन्यवाद-नेहा त्रिवेदी :):)
संजय जी बहुत ही सुन्दर प्रेम की अभिव्यक्ति खामोश रह निगाहों और यादों ने सब कह दिया सुन्दर रचना -मुबारक हो
ग़म दोनों को होता था जुदाई का,
जिसे हमने खामोशी से सहा
शुक्ल भ्रमर ५
सोचते ही रह गए हम
......न तूने कुछ कहा
......न मैंने कुछ कहा !
आपने क्या लिखा, लगा जैसे मैं कुछ लिखना भूल गया ! बिलकुल मेरी कहानी आपने उतार दी.. एक दम दिल से और दिल की लिखते हैं आप! बहुत खूब रची गई.. लिखते रहिये .... आपसे मुलाकात होती रहेगी !
:) beautiful. Wanted to say more but then read through the comments and realized everything that was to be said has already been said.
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