12 नवंबर 2010

.............अपनी तो आदत है मुस्कुराने की !



आदत मुस्कुराने की 
कहाँ थे कहाँ पहुँच गए हम 
ये जिंदगी की दास्तान बड़ी अजीब है ,
इस प्यार भरी जिंदगी में हंस कर जियेंगे ,
कभी किसी से कोई शिकायत नहीं करेंगे ,
सभी को प्यार मिले यही दुआ करेंगे |
जियेंगे हंस कर मरेंगे  हंस कर ,
गम में भी मुस्कुराने  की आदत है अपनी ,
सभी को खुशिया दे रब से दुआ यही करेंगे |
क्योकि हमे आदत है गम छुपाने की 
गम में भी है आदत है मुस्कुराने की !
चित्र :- ( गूगल देवता से साभार )

................संजय कुमार भास्कर