विज्ञापनों की दुनिया भी बड़ी अजीब है। कुछ का कुछ दिखाने की कुव्वत रखते हैं। इन दिनों एक नया विज्ञापन देख रहा हूं। वाशिंग पाउडर का। न्यू एक्टिव व्हील। शायद आपने भी देखा होगा। इसकी खास बात यह है कि इसमें सलमान खान के दो फोटो लगे हैं, जिनके हाथ में पाउडर के दो पैक हैं। कुछ फूलों से इस विज्ञापन को सजाने की कोशिश की गई है। लगता है किसी 'महान रिसर्चरÓ से शोध कराया गया होगा। उसने घर बैठे शोध किया और कुछ पन्नों की रिपोर्ट बनाई। इसी रिपोर्ट में सलमान जैसे किसी चेहरे को लेने की बात कही गई होगी। ओह... हे भगवान।
अरे भई, यह तो हद है। कहा जाता है कि कुछ हट के करना चाहिए। लेकिन कुछ लोग हट के कुछ एेसा पका डालते हैं कि सबका हाजमा खराब हो जाए। यह विज्ञापन भी कुछ हजम नहीं हो रहा। इसके कुछ कारण हैं-
1. सलमान खान की एेसी छवि कभी नहीं रही कि वे एक वाशिंग पाउडर की एड करें।
2. एक आदमी उस चीज की एड करता है, जिसका इस्तेमाल और खरीद महिलाएं ही करती हैं। यदि महिलाओं को आकर्षित करना ही था तो कोई चॉकलेटी चेहरा लिया जाता।
3. विज्ञापन में केवल और केवल सलमान खान को दिखाया गया है। किसी क्वालिटी का कोई उल्लेख नहीं है। ये कहां की समझदारी है?
ये तो रहे मुख्य कारण। कुछ और भी होंगे। एक बात और, हो सकता है कि कंपनी उसी शोधकर्ता को फिर से यह रिसर्च करने का ठेका दे दे कि इस विज्ञापन के बाद कितनी ब्रिकी बढ़ी। और यह भी संभव है कि वह शोधकर्ता कुछ प्रतिशत बढ़ी ब्रिकी को अपने विज्ञापन की का असर बता दे। और हां, फिर मार्केट में कुछ और शोधकर्ता इसी लीक पर चल पड़ें।