आदत मुस्कुराने की
कहाँ थे कहाँ पहुँच गए हम
ये जिंदगी की दास्तान बड़ी अजीब है ,
इस प्यार भरी जिंदगी में हंस कर जियेंगे ,
कभी किसी से कोई शिकायत नहीं करेंगे ,
सभी को प्यार मिले यही दुआ करेंगे |
जियेंगे हंस कर मरेंगे हंस कर ,
गम में भी मुस्कुराने की आदत है अपनी ,
सभी को खुशिया दे रब से दुआ यही करेंगे |
क्योकि हमे आदत है गम छुपाने की
गम में भी है आदत है मुस्कुराने की !
चित्र :- ( गूगल देवता से साभार )
................संजय कुमार भास्कर
83 टिप्पणियां:
बेहद उम्दा भाव संयोजन्।
bahut hi achhi rachna. Sanjay bhai... Abhi to mobile se tippani kar raha hun. Fursat hi nahi hai kya karein.
आदत मुस्कुराने की
bahut achchhi aadat
... kyaa baat hai .... behatreen !!!
bahut khoob......Sanjay ji
क्योकि हमे आदत है गम छुपाने की
गम में भी है आदत है मुस्कुराने की !
अच्छी कविता ...अंतिम पंक्तियाँ तो बहुत ही अच्छी लगीं.
अच्छी कविता ...अंतिम पंक्तियाँ तो बहुत ही अच्छी लगीं.
हमने भी अब डाल ली है आदत मुस्कराने की
@ वन्दना जी..
@ शेखर भाई
@ संजय कुमार चौरसिया जी..
@ 'उदय' जी..
@ प्रीती जी..
@ अरुण चन्द्र रॉय जी..
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
उम्मीद है आप सभी हमेशा ही उत्साहवर्धन करते रहेंगे
बहुत बहुत धन्यवाद
आभार
संजय भास्कर
संजय,
अच्छी आदत है!
खुदा करे बनी रहे!
आशीष
---
पहला ख़ुमार और फिर उतरा बुखार!!!
@ रचना दीक्षित जी..
हमने भी अब डाल ली है आदत मुस्कराने की
जरूर मुस्कराने की आदत होनी ही चाहिए
@ आशीष भैया
आप सभी का आशीर्वाद रहेगा तो ये आदात हमेशा बनी रहेगी.
इतना ग़म पिओगे तो बहुत सी शुभकामनाओं की ज़रूरत होगी. ग़म को निकाल फेंकने की आदत भी डाल लेना प्यारे.
बहुत सुंदर भावों को सरल भाषा में कहा गया है. अच्छी रचना
क्योकि हमे आदत है गम छुपाने की
गम में भी है आदत है मुस्कुराने की !
................बेहद ख़ूबसूरत और उम्दा
bhut khoobsurat bhayi ji.....
बहुत खूब संजय जी!बहुत ही सुन्दर भाव!
गम छुपाये बिना मुस्कुरा भी तो नहीं सकते
बहुत अच्छे भावों से भरी रचना ..
sanajay jee, hame bhi seekhao na gam me kaise muskurate hain...:D
hamara to chehra dur se hi kah deta hai, beta mukesh tu pareshan hai..:P
waise kavita achchhee hai..:)
ईश्वर करे आपकी ये आदत सबको लग जाये।
बहुत बढिया रचना
रब करे तेरी ये आदत हमेशा बनी रहे,
मुस्कान तेरे होठो पे सदा जमी रहे,
दुआ देता हूँ तहे दिल से यही,
गम मे भी तेरी आँखो मे ना नमी रहे,
भैया, अब बहुत हुआ दूसरों के लिए मुस्कुराना
अपने गम छुपाना...
अब खुद से झूठ नहीं बोलेंगे हम
सच्चे लोगों के लिए ही अपने दिल के द्वार खोलेंगे हम...
smile please...
nij vyatha ko jeete hue muskurane ke hausle ko naman!
sundar rachna!
सही कहा जनाब ने ,
लाफ एंड द वर्ल्ड लाफ विद यु
वीप एंड वीप यु अलोन
इसलिए मुस्कराते रहिये.
@ जरूर भूषण जी..
ग़म को निकाल फेंकने की आदत भी डाल लेना प्यारे.
@ ॐ जी..
@ प्रियंका जी..
@ यशवन्त जी..
@ ऍम वर्मा जी..
बिलकुल सही कहा वर्मा जी आपने
आप सबका शुक्रिया जिन्होंने अपने बेशकीमती विचारों की टिप्पणियां दीऔर मेरा हौसला बढाया
3/10
आमीन
खुदा करे आपका यह संक्रामक रोग हर जगह पैर पसारे. उम्दा और नेक भाव
गम में भी मुस्कुराने की आदत है अपनी ,
सभी को खुशिया दे रब से दुआ यही करेंगे |
क्योकि हमे आदत है गम छुपाने की
गम में भी है आदत है मुस्कुराने की !
क्या बात है आज तो आपकी कविता...ब्लॉग को ही define कर रही है ..बहुत बढ़िया
Hamesh muskrate rahiye
बहुत बढ़िया,
बड़ी खूबसूरती से कही अपनी बात आपने.....
और ये आदत न बिगाडियेगा...
हमेशा मुस्कुराईयेगा.....
गम में भी है आदत है मुस्कुराने की !
bahut sunder.
ग़म में भी मुस्कुराने की आदत है अपनी,
सभी को खुशियां दे रब से यही दुआ करेगे।
काश,...यही विचार सब के मन में उत्पन्न हो जाए
यही दुआ करते हैं हम।
बहुत ही सुंदर रचना...बधाई।
धन्यवाद
@ संगीता स्वरुप जी..
@ मुकेश सिन्हा जी..
बहुत बहुत शुक्रिया
@ दीपक भाई
ज़रूर ऐसा ही होगा
ईश्वर करे आपकी ये आदत सबको लग जाये।
@ पूजा जी..
ज़रूर ऐसा ही होगा
@ अनुपमा पाठक जी..
@ विजय माथुर जी..
सही कहा आपने
लाफ एंड द वर्ल्ड लाफ विद यु
वीप एंड वीप यु अलोन
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
उम्मीद है आप सभी हमेशा ही उत्साहवर्धन करते रहेंगे
बहुत बहुत धन्यवाद
आभार
संजय भास्कर
जी हा गम में मुस्कराइये ताकि गम कुछ हल्का हो जाये वरना जीने नहीं देता |
धन्यवाद
@ उस्ताद जी..
.....ज़रूर ऐसा ही होगा
@ रशमी रविजा जी..
मैंने कविता ब्लोगशिर्षक पर ही लिखने की कोशिश की है
@ अशोक जमनानी जी..
@ तिलक जी..
@ अर्चना जी.
ये आदत ऐसी ही बनी रहेगी
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
बहुत बहुत धन्यवाद
आभार
संजय भास्कर
क्योकि हमे आदत है गम छुपाने की
गम में भी है आदत है मुस्कुराने की !
Waah ! kyaa baat hai bahut sundar panktiyan ....badhai
antim panktiyan blog description me bhi rakhi jasakati hai bahut vazandaar aur blog title co compliment karane vali hai :)
Image bahut chun kar laae ho...bahut acchi hai
दिल को गहराई से छूने वाली खूबसूरत और संवेदनशील प्रस्तुति. आभार.
सादर,
डोरोथी.
सुंदर मनोभाव.....
बहुत ही सुंदर रचना...बधाई।
इसलिए मुस्कराते रहिये....
sundar bhav,
aur iske siba koi chara bhi nhi
so jitni jaldi ho adat dal hi leni chahiye
संजय भये मुस्कुराने की आदत डालने का भुत बहतरीन फार्मूला पेश किया हे खुदा हमें भी यह हुनर दे दे . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
मुस्कराते रहिए।
क्योकि हमे आदत है गम छुपाने की
गम में भी है आदत है मुस्कुराने की !
वैसे तो तुमाहारे जीवन मे कभी गम आये ही नही यही दुया करती हूँ। जिन्हें गम मे भी मुस्कुराने की आदत हो वो जीवन की हर चुनौती मे सफल रहते हैं। बहुत बहुत आशीर्वाद।
बहुत ही बेहतरीन भाव से सजी रचना है संजय भाई.
बड़े प्यारे भाव लिए रचना |बधाई
आशा
आदत पढ़ने की थी पहुँच गए आपके ब्लॉग में
पढ़ी जिन्दगी की अजीब दस्ता
शिकवा शिकायत से दूर दिखाया आपने प्यार का रास्ता
गम में भी मुस्कुराने की है आपकी अनोखी अदा
हाँ भाई संजय ये ही तो है जीने की सही वजह !!
सुंदर भावाभिव्यक्ति। प्रेरक बातें।
क्योकि हमे आदत है गम छुपाने की
गम में भी है आदत है मुस्कुराने की !
बहुत खूब ! हम भी यही दुआ करेगे कि आप सदा मुस्कुराते रहे !
भगवान करे यह आदत बनी रहे।
भारत प्रशन मंच - 19 का सही जवाब
http://chorikablog.blogspot.com/2010/11/blog-post_13.html
ताऊ पहेली - 100 का सही जवाब
http://chorikablog.blogspot.com/2010/11/100.html
जाट पहेली- 24 का सही जवाब
http://chorikablog.blogspot.com/2010/11/24.html
@ पूर्वीय जी..
@ महेंदर वर्मा जी..
@ अंशुमाला जी..
@ रानी विशाल जी..
दीदी वैसे मैंने ये कविता आदत है मुस्कुराने की पर ही लिखी थी
@ डोरोथी जी..
@ डॉ॰ मोनिका शर्मा जी..
@ अमित जी..
@ अलोक जी..
@ अख्तर खान अकेला जी..
आप भी आजमाए इस फार्मूले को
@ राजेश उत्साही जी..
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
बहुत बहुत धन्यवाद
आभार
संजय भास्कर
@ निर्मला कपिला जी
आपका आशीर्वाद साथ है तो गम पास भी नहीं आएगा
@ शाह नवाज़ जी..
@ आशा जी..
@ अमरजीत जी.
आपका शुक्रिया आप ब्लॉग तक आये
आपने सभी ने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
बहुत बहुत धन्यवाद
आभार
संजय भास्कर
bahut khub.
संजय जी... बड़े उम्दा विचार है .
बहुत बढ़िया.
पहली कविता ने ही मन मोह लिया. बहुत खूब.
क्योकि हमे आदत है गम छुपाने की
गम में भी है आदत है मुस्कुराने की ...
वाह संजय जी ... कमाल हैं .... लाजवाब लिखा है आपने .. जो गम छुपा कर भी मुस्कुराता है वो ज़माने को जीत लेता है .... बहुत मज़ा आया पढ़ कर ....
प्यारी है कविता और चित्र भी प्यारा.
मोनिका जी आपने बहुत सही बातो का उल्लेख किया है रूपये कमाने की होड़ में आज माता पिता बच्चो को पर्याप्त समय नहीं देते!कही न कही हमारी शिक्षा प्रणाली ने भी बच्चो का बचपन छीन लिया है भारी भारी बस्ते और स्कूल के बाद टयूसन हाबी क्लासेस बच्चो के पास खेलने के लिए समय भी नहीं बचता ऐसे में हमें इस और भी ध्यान देना चाहिए !
हमारे रायपुर शहर में तीन दिवसीय बाल मेले का आयोजन इस अवसर पर किया गया है मै बाल कल्याण परिषद् का सदस्य भी हूँ !आज ब्लाइंड स्कूल के बच्चो ने बहुत बढ़िया कार्यक्रम प्रस्तुत किया !
संजय जी त्रुटीवश कमेंट्स आपके ब्लॉग पोस्ट हो गयी !
क्योकि हमे आदत है गम छुपाने की
लाजवाब लिखा है
बह्त अच्छी आदत है आपकी , खुदा करे सभी को यह आदत लग जाये!!!!!!!!!
गम में भी है आदत है मुस्कुराने की !!!
bahut sundr aur pyari kvita ! bdhai !!!
वाह..!!!
क्या तुकबंदी बनायी हैं आपने.
आपके ब्लॉग का नाम भी "आदत मुस्कुराने की" ही हैं.
ये महज़ इत्तेफाक ही हैं या कोई सोचा-समझा प्लान???
वाह वाह.
क्या बात हैं....मज़ा आ गया.
धन्यवाद.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
keep smiling !
@ मनोज कुमार जी..
@ पी.सी.गोदियाल जी..
आपकी दुआ कबूल है
@ प्रवीण पाण्डेय जी..
ज़रूर बनी रहेगी परवीन जी..
@ बंटी चोर
क्या बात है सरे जवाब आपके पास है
@ मुस्कान जी..
@ विरेन्द्र सिंह चौहान जी..
@ स्व: बानी (शिवानी जी)
आपने सभी ने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
बहुत बहुत धन्यवाद
आभार
संजय भास्कर
@ दिगम्बर नासवा जी..
जो गम छुपा कर भी मुस्कुराता है वो ज़माने को जीत लेता है .
क्या बात कह दी आपने बहुत खूब जी..
@ अक्षिता पाखी
@ विजय कुमार वर्मा जी..
@ अपर्णा त्रिपाठी जी.. (पलाश)
अपर्णा जी ये आदत हमेशा बनी रहेगी
@ ऊष्मा जी..
@ चन्द्र कुमार सोनी जी..
महज़ इत्तेफाक नहीं हैं सोचा-समझा प्लान ही है
@ दिव्या जी ( ZEAL)
आपने सभी ने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
बहुत बहुत धन्यवाद
आभार
संजय भास्कर
ek amar muskan ki kamna ke saath shubhkamna.
यही एक आदत ही तो जीवन का सार है।
सुन्दर कविता...
sanjay ji pahle to shukriya meri rachnao pe aapke shabdo ke liye...
being happy is the best habit...!
rachna me shabd hote hai
shabdo me bhav hote hai
bhavo me rachnakar ka dil hota hai
dil me dard aur khushiyon ka sangam hot hai...
ak achchhi rachna ke liye sabhar...
संजयजी,
सच में मुस्कराना तो अच्छी बात है ही .एक होम्योपथिक डा .सा ;ने तो क्लिनिक में स्लोगन लगा रखा है - सदा मुस्कराते रहो .
गम में भी मुस्कुराने की आदत है अपनी ,
सभी को खुशिया दे रब से दुआ यही करेंगे |
क्योकि हमे आदत है गम छुपाने की
गम में भी है आदत है मुस्कुराने की !
bahut hi bhaawpurn post...
गम में भी मुस्कुराने की आदत है अपनी ,
सभी को खुशिया दे रब से दुआ यही करेंगे |
bahut sunder abhivyakti .very nice
सभी को खुशिया दे रब से दुआ यही करेंगे |
क्योकि हमे आदत है गम छुपाने की
गम में भी है आदत है मुस्कुराने की
बहुत खूब
bahut sundar kavita sanjay
padh kar man ko bahut sakun pahuncha hai ...
dher saari badhayi ho ..
vijay
kavitao ke man se ...
pls visit my blog - poemsofvijay.blogspot.com
यही एक आदत ही तो जीवन का सार है।
सुन्दर कविता...
संजयजी,
..मुस्कराना तो अच्छी बात है
@ मेरे भाव जी..
@ अमित तिवारी जी..
@ अशोक लालवानी जी..
@ विजय माथुर जी..
@ मार्क रॉय जी..
@ अमरेंदर अक्स जी..
@ एस.एम.मासूम जी..
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद आपको ये पंक्तियाँ पसंद आई
आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
धन्यवाद,
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
आभार
संजय भास्क
@ विजय कुमार जी..
@ पवन जी..
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
कभी किसी से कोई शिकायत नहीं करेंगे ,
सभी को प्यार मिले यही दुआ करेंगे |
Really very Heart touching lines.....Agar koi insaan is baat ko jeewan me utaar le to duniya me itni kadwahat nahi rah jayegi. Sab aapas me miljilkar rahenge....Nice poem Sanjay ji
कभी किसी से कोई शिकायत नहीं करेंगे ,
सभी को प्यार मिले यही दुआ करेंगे |
Really very Heart touching lines.....Agar koi insaan is baat ko jeewan me utaar le to duniya me itni kadwahat nahi rah jayegi. Sab aapas me miljilkar rahenge....Nice poem Sanjay ji
achhi adat hai. bhagavan kare hamesha is adat ko barkarar rakhe.........sunder rachna....
ऐसी आदत हर किसी को लग जाए तो दुनिया बदल जाए
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