ऐसी खुशी नहीं चाहता
जो किसी का दिल दुखाने से मिले,
हंसी ऐसी नहीं चाहता जो किसी को रुलाने से मिले
उस दौलत का क्या करे जो अपनों से दूर है |
जो पैदा करती दिल में गुरूर है
सर ढकने को छत हो
खाने को रोटी हो भूंखे पेट कोई सोये ना ,
नहीं चाहिए वो राम जो इंसानों में फर्क करे
आपस में बैर व धरती को नरक करे
कब आएगा वो दिन
जब उंच नीच ख़तम होगा
मानव सभी की जात होगी मानवता ही धरम होगा
तभी मिलेगी ख़ुशी जब मन को
जब सारी दुनिया समान होगी .........
.......संजय कुमार भास्कर
97 टिप्पणियां:
बेहद खूबसूरत भाव संयोजन्…………हर दिल की यही चाह है …………काश ! ऐसा हो पाता।
ऐसी खुशी नहीं चाहता
जो किसी का दिल दुखाने से मिले,
... bahut khoob ... behatreen, badhaai !!!
bahut prabhavi rachna hai
अच्छा लिखा है तुमने ........लिखते रहो ....
मानव सभी की जात होगी मानवता ही धरम होगा
तभी मिलेगी ख़ुशी जब मन को
जब सारी दुनिया समान होगी .........kitna pyara sapna hai!
Wo geet yaad dila diya," Tu Hindu banega na Musalmaan banega,Insaan kee aulaad hai,insaan banega"( Dhool ka phool).
सोचने को मजबूर करती है आपकी यह रचना ! सादर !
वाह !कितनी अच्छी रचना लिखी है आपने..! बहुत ही पसंद आई
PHELI BAAR AAYA HOON
ACHA LAGA.
OM SINGH
मानव सभी की जात होगी मानवता ही धरम होगा
तभी मिलेगी ख़ुशी जब मन को
जब सारी दुनिया समान होगी
Bahut hi behtareen likha hai.
bahut hi khoobsurati se likha hai aapne.. bahut badiya....
Mere blog par bhi sawaagat hai aapka.....
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bahut sunder kavita.. agar aisa ho to duniya kaa roop hi badal jaaye...
baht khoob
duniya ka sabse bada sach
भावपूर्ण रचना के लिये बधाई !
Vo din tabhi aayega jab har banda tukro me sochna chor de.. rabhi har koi ek samaan hoga
bahut hi bhaavpurn sundar rachna.
नहीं चाहिए वो राम जो इंसानों में फर्क करे
आपस में बैर व धरती को नरक करे....
बहुत सुन्दर भावनाएं उतनी ही सुन्दर अभिव्यक्ति...काश कि सभी ऐसा ही सोचें...
3/10
सुन्दर विचार
लेकिन कविता कहाँ है इसमें ?
प्रवचन और सूक्तियां प्रतीत होती हैं
sudnar vichar,
achha laga padhkar
धन्यवाद
@ वंदना जी
सही कहा आपने
हर दिल की यही चाह होनी चाहिए
@ उदय जी..
@ तपशवनी आनंद जी..
@ मंजुला जी..
ब्लॉग पढ़कर अपने विचार देने और मेरा होसला बढाने के लिए
बहुत-बहुत धन्यवाद
सुन्दर..!!
nice lines....bhayi ji....keep it up...
सुन्दर अभिव्यक्ति.
मानव सभी की जात होगी मानवता ही धरम होगा ।
सुन्दर विचार माला, बधाई ।
ये सपना हर दिल मे पलता है
meri tarf se bhi bas iatana hi ki achcha likha hai
बहुत विचारणीय एवं भावपूर्ण!!
Dhanyawad संजयji aap ki har tippanni mere liye bahut hi kimti hain... aap ki aachhi aachhi tippaniyon ki vajaha se naya kavita likhne main bada hi utsah milta hain..
aabhi maine aap ka bhi blog padha.. bada hi khubsurat hain...
behadd khushi hui aap jaisa dost pa kr...
DHANYAWAD...
उत्तम विचार ।
ऐसी खुशी नहीं चाहता
जो किसी का दिल दुखाने से मिले,
... bahut khoob ... behatreen, badhaai !!!
उत्तम सोच से लबालब सुन्दर कविता !
साकारात्मक चिंतन से उपजी विशेष अभिव्यक्ति। बार-बार पढ़ने के लिए मन करता हैँ। बढ़िया रिदम के साथ सुन्दर भावोँ के लिए आभार। -: VISIT MY BLOG :- आपके पढ़ने के लिए यहाँ भी कुछ विशेष है :- यहाँ क्लिक करेँ
very nice...i fear ..such day wont come as ...categorizing things are in human blood!!
@Vandana ji,
बेहद खूबसूरत भाव संयोजन्…………हर दिल की यही चाह है …………काश ! ऐसा हो पाता
Yahi to dikkat hai, agar sabki yahi chah hoti to problem hi kya thi...
Par sabki aisi chah nahi hoti na...
umda soch kee kavita.
नहीं चाहिए वो राम जो इंसानों में फर्क करे...
एक विचारणीय सत्य को आपने साहसपूर्वक हम सबके समक्ष रखा है।
@ आदरणीय क्षमा जी
पने विचार देने और मेरा होसला बढाने के लिए
इसी बहाने सुंदर गीत भी जुबां पर आया |
धन्यवाद
@ ॐ जी..
@ यशवंत जी..
@ सोनल जी..
@ अरुण रॉय जी..
@ शेखर कुमावत जी..
@ अमित जी..
आप सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत
धन्यवाद,
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए और बहुमूल्य टिपण्णी देने के लिए
आपका
संजय भास्कर
धन्यवाद
@ सुमन अनुरागी जी..
सत्य कहा आपने जब सब लोग मिलकर एक साथ सोचेंगे यह तभी संभव होगा
@ अरविन्द जी..
@ कैलाश शर्मा जी..
@ उस्ताद जी..
@ आलोक खरे जी..
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
हृदय की यह विशालता, सबको मिले।
बहुत बढ़िया और शानदार पोस्ट! उम्दा प्रस्तुती!
sundar rachan.
@ प्रियांकाभिलाशी जी..
@ दिव्या जी..
@ सदा जी..
@ दीपक सैनी जी..
@ अंशुमाला जी..
@ समीर लाल जी..
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद होश्ला अफजाई के लिए
@ नेत्रा जी..
आपका बहुत बहुत धन्यवाद आप मेरे ब्लॉग पर आई और मेरी रचना पढ़ी और बहुमूल्य विचार दिए
आपके विचार ही मेरा होसला बढ़ाते है
आपका
संजय भास्कर
वाह!!!!! क्या कहने "नहीं चाहिए वो राम जो इंसानों में फर्क करे..."
एक विचारणीय प्रस्तुती!
"नहीं चाहिए वो राम जो इंसानों में फर्क करे..."
बहुत अच्छा विचार जो गंदी राजनीति से आगाह करता है.
उस दौलत का क्या करे जो अपनों से दूर है |
जो पैदा करती दिल में गुरूर है
बहुत सुंदर ख्याल.....
waah kya baat hai... aap khud itna achha likhte hai aur mujhe kahte hai ki mai likhtee hu... aap jaise logo se to seekh rahi hu... bahut badhiya...
ऐसी खुशी नहीं चाहता
जो किसी का दिल दुखाने से मिले,
हंसी ऐसी नहीं चाहता जो किसी को रुलाने से मिले
बहुत ही ख़ूबसूरत लिखा है...
बहुत ही सुन्दर भाव ......शानदार प्रस्तुति !
बधाई
achchha hai Sanjay aise hi bhaav rakho... good..
Each line is beautiful and meaningful!!! Congratulations!
ऐसी ख़ुशी नहीं चाहिए ..बिलकुल नहीं चाहिए ...
जो दूसरों का दिल दुखाकर मिले ...
मानवता ही धरम होता , असली ख़ुशी तो तभी मिलेगी ...
अच्छी सकारात्मक प्रेरक पोस्ट ...!
A nice poem .congratulations .
Asha
सुंदर ,सार्थक सोच ।
ऐसी खुशी नहीं चाहता
जो किसी का दिल दुखाने से मिले,
हंसी ऐसी नहीं चाहता जो किसी को रुलाने से मिले
बहुत खूब. इस्पे मैं अपने ब्लॉग अमन का पैग़ाम मैं अवश्य शामिल करूंगा.
aaj kal dikhte nahi
very nice to read!
BAHUT HEE SUNDAR LIKHA HAI AAPNE ..BADHAI
यही सोच बनी रहे तो आनंद है।
वाह बेटा बहुत सुन्दर सन्देश दिया है इस कविता के माध्यम से। राम कहाँ कहते हैं कि हम लडें जो उसके नाम पर लडते हैं वो राम को जानते ही नही बस नाम का इस्तेमाल करते हैं। आशीर्वाद।
सुंदर विचार.
कडवी सच्चाई बयान करती उम्दा और बेहतरीन कविता.
बधाई स्वीकारे.
धन्यवाद.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
एक विचारणीय प्रस्तुती सुंदर विचार
@ डॉ टी एस दराल जी..
@ संजय कुमार चौरसिया जी..
@ पी.सी.गोदियाल जी..
@ डॉ अशोक जी..
मेरे ब्लॉग पर आये और मेरी रचना पढ़ी और बहुमूल्य विचार दिए
@ राहुल जी..
@ योगेश जी..
वंदना जी बिकुल सही कहा है
हर दिल की यही चाह है …………काश ! ऐसा हो पाता
मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए और बहुमूल्य टिपण्णी देने के लिए
आपका
संजय भास्कर
@ महेंदर वर्मा जी..
@ शिखा वार्ष्णेय
@ प्रवीण पाण्डेय जी..
@ बबली जी..
@ धीरज शाह जी..
आपका बहुत बहुत धन्यवाद आप मेरे ब्लॉग पर आई और मेरी रचना पढ़ी और बहुमूल्य विचार दिए
आपके विचार ही मेरा होसला बढ़ाते है
@ रचना दीक्षित जी..
@ भूषण जी..
@ डॉ. मोनिका शर्मा जी..
@ पूजा जी..
आज तो अपने ज्यादा ही तारीफ कर दी हमारी
@ रश्मि रविजा जी..
@ रानीविशाल जी..
@ दीपक 'मशाल' जी..
@ अंजना जी..
@ वाणी गीत जी..
@ आशा जी..
@ अजय कुमार जी..
ब्लॉग से जुड़ने और अपने बहुमूल्य विचार देने के लिए आप सभी का तहे दिल से
शुक्रिया
बहुत बहुत आभार
संजय भास्कर
@ एस.एम.मासूम जी..
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
अपने ब्लॉग अमन में मेरी रचना को शामिल करने के लिए
wah. bahot achchi lagi.
आपकी हर रचना बेहद उम्दा होती है. और इक़ नई चीज़ पर आपकी भाव और सलीके मिलते हैं. उम्दा.
निरंतर लेखन हेतु शुभकामनाएं.
---
वात्स्यायन गली
हम भी आपके साथ हैं।
snjay bhayi shi khaa apane or bhut thik khaa lekin aek shikayt he hm apaki rchna pdhne men thoda piche rh gye hen isliyen tippni men bhi bhut piche ho gye aapki achchi rchna pdhne ki bhut khushi he lekin der se pdhne or bhut piche tippni krne pr afsos he kher der aayd durust aayd achcha pdha chahe der se pdha mubark ho. akhtar khan akela kota rajsthan
@ राहुल जी..
@ डॉ.अरुणा कपूर जी..
@ विजय कुमार वर्मा जी..
@ तिलक राज कपूर जी..
मेरी हौसला अफज़ाई के लिए आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया.
संजय भास्कर
@ आदरणीय निर्मला कपिला जी..
बिलकुल सही कहा आपने
हम लडें जो उसके नाम पर लडते हैं वो राम को जानते ही नही बस नाम का इस्तेमाल करते हैं
.............आपका आशीर्वाद है
@ अनामिका जी..
@ चंदर कुमार सोनी जी..
@ सुनील कुमार जी..
@ मृदुला परधान जी..
@ अमित सागर जी..
@ राजेश उत्साही जी..
आप सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत आभार ! इसी तरह समय समय पर हौसला अफज़ाई करते रहें ! धन्यवाद !
बहुत खूबसूरत और संदेश देती रचना
काश ऎसा सभी सोचे तो स्वर्ग बन जाये हमारी धरती, धन्यवाद इस अति सुंदर संदेश देती कविता के लिये.
बहुत ही उम्दा विचार ! लिखते रहो ऐसे ही बस !
कई रंगों को समेटे एक खूबसूरत भाव दर्शाती बढ़िया कविता...बधाई
are wahh sanjay ji..
mujhe nahi pata tha aap office ke work ke sath sath itni sunder kavitaye bhi likh lete ho..
regards
preeti
ऐसे नेक विचार जो सबके हो जाए.....
धरती में स्वर्ग का बसेरा हो जाये........
सुंदर विचार ! शुभकामनायें
prabhavpoorna rachna!
regards,
संजय जी मेरी रचनाओं को अपना अमूल्य समय देने के लिये आभार । मुझे खुशी है कि आपको मेरी रचनायें अच्छी लगी ।
मै तो बस आप सभी से अभी सीख ही रही हूँ ।
agar aisee soch rahi to wo din dur nahi........:)
ek prabhavpurn aur umda rachna!!
God bless!!
aisee soch ko salam
sach kaha sanjay ji
aisi kisi bhi cheez ka fayda nhi jise share krne ko apno ka saath nhi. Sundar rachna
saskttatha bhawpurn rachna
saarthak rachna, badhai sweekaaren.
बहुत सुन्दर विचार है ... लिखते रहिये .
संजय जी ... बहुत ही अच्छे भाव और सामयिक बात कही है ... आज इंसान इंसान में प्रेम बढ़ाने की बात होनी चाहिए ... बहुत उम्दा लिखा है ...
@ अख्तर खान अकेला जी..
कोई बात नहीं जी.देर से ही सही पर आये तो सही
@ राज भाटिय़ा जी..
@ अपर्णा त्रिपाठी पलाश जी..
@ राम त्यागी जी..
@ प्रीती जी..
@ वन्दन जी..
@ सतीश सक्सेना जी..
@ अनुपमा पाठक जी..
मेरी रचनाओं को अपना अमूल्य समय देने के लिये आभार
@ मुकेश कुमार सिन्हा जी..
@ दिपाली "आब" जी..
@ दीपक कुमार वर्मा जी..
@ जेन्नी शबनम जी..
@ निशांत दीक्षित जी..
@ दिगम्बर नासवा जी..
आप सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत आभार ! इसी तरह समय समय पर हौसला अफज़ाई करते रहें ! धन्यवाद !
ati sundar...
"नहीं चाहिए वो राम जो इंसानों में फर्क करे"
"मानव सभी की जात होगी मानवता ही धरम होगा"
bahut prabhavi rachna hai ...........man k kafi kareeb hai .............
bht samay baad aapke blog par aaya hoon bhaiya....
kavitaon ke titles dekhe hai,abhi samay kam tha toh gaur se padh ni paya.....jaldi sari kavitaen dhyaan se padhoonga....
khushi hai ki bht saari kavitayein hai mere padhne ke liye....
milta hoon....likhte rahiyega
बहुत सुन्दर भाव भास्कर जी ...
मैंने पहली बार जब कलम चलाया तो ऐसे ही कुछ भाव निकले
आप पढ़ जायें तो बहुत खुशी होगी
http://pankaj-patra.blogspot.com/2009/06/blog-post_02.html
@ अमरेंदर अक्स जी..
@ श्रुति जी..
@ अमित भाई
@ प्रकाश पंकज जी..
मेरे ब्लॉग पर आकर प्रोत्साहित करने के लिए आभार |
संजय भास्कर
उत्तम विचार...
waqt ki zaroorat ..
umda rachna...
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