कल आप सबने पढ़ा ही होगा खुशदीप जी की पोस्ट थी, जिसमें महफूज़ अली जी की एक बड़ी उपलब्धि की बात कही गई थी,
अमेरिका में महफूज़ भाई के नाम का डंका बजा हुआ है
लखनऊ के स्टार ब्लोगेर ने भारत का नाम दुनिया में रौशन कर दिया....
सबसे पहले महफूज भाई ...........को ढेरों बधाई !
खुशदीप सहगल जी के ब्लॉग से ये पता चला है
महफूज़ की एक अंग्रेजी कविता 'Fire is still alive' अमेरिका के मैडिसन स्टेट के Wisconsin University के Emeritus professor John L. Nancy Diekelmann ने T-Shirt पर प्रकाशित की है... यह टी-शर्ट पूरे अमेरिका व यूरोपियन, भारत समेत एशियन देशों में बेची जाएंगी... इस कविता को Wisconsin University के क्लिनिकल डिपार्टमेंट में सब्जेक्ट में जोड़ लिया गया है...यानि यह कविता अमेरिका के सिलेबस में पढाई जाएगी.
महफूज़ भाई की बुलंद कामयाबी के लिए .........ढेरो शुभ कामनाये...
दुनिया की इस भीड़ में,
खोजता फिरता हूँ अपना मुकाम
हर चीज़ वो मिलती नहीं
जिसकी होती चाहत यहाँ,
क्या खोने के डर से,
मैं भूलूँ,
कुछ पाने की चाह यहाँ?
जब चाहत हो तारों की,
तो क्यूँ ना माँगूं आसमाँ यहाँ??
खोजता फिरता हूँ अपना मुकाम
हर चीज़ वो मिलती नहीं
जिसकी होती चाहत यहाँ,
क्या खोने के डर से,
मैं भूलूँ,
कुछ पाने की चाह यहाँ?
जब चाहत हो तारों की,
तो क्यूँ ना माँगूं आसमाँ यहाँ??
तो इसी बात पर हो जाये महफूज़ भाई की कलम से निकली एक पुरानी रचना.........
लेखक ............महफूज़ भाई
salaam mehfooz bhai.............
21 टिप्पणियां:
महफूज़ जी की यह कविता मुझे भी बहुत पसंद है ..
बिलकुल सही कहा है :
कुछ पाने की चाह यहाँ?
जब चाहत हो तारों की,
तो क्यूँ ना माँगूं आसमाँ यहाँ??
जहाँ भी होंगे महफूज़ ..तुम्हारी पोस्ट पढ़ रहे होंगे और खुश हो रहे होंगे...
खुश रहो..
waqy me achi he kavita
महफूज़ जी की उपलब्धियों के बारें में सुनकर ......बहुत गर्व हुआ .......महफूज़ जी को ढेर सारी शुभकामनयें .
Mahfooz ji ko dili badhayi...yah kavita pahle padhi thi...tahe dilse anek shubhkamnayen!
nice
महफूज़ भाई को बहुत बधाई एवं ढेरों शुभकामनाएँ. ऐसे ही कामयाबी के परचम लहराते रहें.
महफूज़ जी को ढेर सारी शुभकामनयें .
...रचना बेहद प्रभावशाली व प्रसंशनीय है,बधाई!!!
......पर साथ में ये जो खबर लगी है ...अमेरिका ...टी शर्ट... कविता ...बगैरह बगैरह .... अप्रेल फ़ूल के बहाने क्यों भला "महफ़ूज मियां" का ब्लडप्रेशर बढाने पर तुले हो!!!!
ब्लॉगर भाई हो तो महफूज अली जैसा, अगर ब्लॉगर जगत से दूर भी रहे तो उसके विचार हमेशा हमारे बीच रहें ऐसे ही। इंदौर आने का वायदा कर गुम हो गए।
संजय भास्कर जी को सलाम।
.महफूज़ जी को ढेर सारी शुभकामनयें .
महफूज़ भाई ऐसे ही कामयाबी के परचम लहराते रहें.
महफूज़ जी को ढेर सारी शुभकामनयें .
hamesha unchaaiyon ko chhute raho
महफूज जी को बधाई .....ये ब्लॉग को इतना सुन्दर सजाया कैसे गया है ...घर और बोगनवेलिया की झाडी खूबसूरत है बधाई
महफूज़ जी को ढेर सारी शुभकामनयें।
ऐसे कलम के योद्धा को पूरे भारत वर्ष कि ओर से हार्दिक शुभ कामनाए और बधाई
बहुत-बहुत बधाई!
महफूज़ की प्रतिभा से सबक लेना चाहिए ! हमें मुक्त ह्रदय उनकी तारीफ़ करनी चाहिए !
आपको और महफूज़ को हार्दिक शुभकामनायें
ढेर सारी शुभकामनयें .
महफूज़ जी को ढेर सारी शुभकामनयें .
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