pahli baat dosti jaieeesepavitr rishte me ahsan nahi hota ho sakta hai ki koi baat aap par gujari jo aisa aapne likha dusari baat kvita ka prastutikaran bahut hi achha laga.
आप सम्मान के योय थे, इसी लिए आपको सम्मान मिला. वैसे मित्रता में एहसान और उसे चुकाने जैसा मामला कुछ समझ में घुसा नहीं. फिलहाल, आप मेरे ब्लाग पर आए, पढ़ा, कई बार पढ़ा, कमेन्ट दिया, शुक्रिया. कफस=पिंजरा (पिंजड़ा) तामीर=निर्माण.
टिप्पणी तो आमीन के ब्लॉग पर भी छोड़ आया था। अगर हो सके तो इसको भी देख लेना यार।
हकदार तो नहीं था, जो तूने दे दिया दोस्ती में खुदा का सम्मान पत्थर को कहकर जिन्दा ए दोस्त, कर दिया तुमने इक अहसान दोस्तों से बढ़ा आमीन रुतबा मेरा छूने नहीं, मुझे कोई आसमान
17 टिप्पणियां:
नहीं मुझे कोई आसमां छूने
kya bat he
babut khub
BEHAD SUNDAR
BAHUT ACHA LAGA PAD KAR AAP
SHEKHAR KUMAWAT
http://kavyawani.blogspot.com/
:) sayed mere samajh se pare hai...
apne dost aage badhe aur khub tarakki kare to bahut acha lagta hai...isme sahyog de pana hi dosti hai...
बहुत खूब ।
आभार..।
dosti me ahasan nahee hota mere dost
pahli baat dosti jaieeesepavitr rishte me ahsan nahi hota ho sakta hai ki koi baat aap par gujari jo aisa aapne likha dusari baat kvita ka prastutikaran bahut hi achha laga.
बढ़िया है सर
bahut achchhe.. Malkhan ji ko shubhkamnayen
आप हक़दार हैं तभी इतना सम्मान मिला है, बिना हक के इस ज़हां में कुछ नहीं मिलता
वाह!!.....बहुत सुन्दर रचना ......बहुत बहुत बंधाई ...मलखान जी .
सुन्दर परिचय और खूबसूरत रचना..बधाई.
_________________________
'पाखी की दुनिया' में जरुर देखें-'पाखी की हैवलॉक द्वीप यात्रा' और हाँ आपके कमेंट के बिना तो मेरी यात्रा अधूरी ही कही जाएगी !!
आप सम्मान के योय थे, इसी लिए आपको सम्मान मिला. वैसे मित्रता में एहसान और उसे चुकाने जैसा मामला कुछ समझ में घुसा नहीं.
फिलहाल, आप मेरे ब्लाग पर आए, पढ़ा, कई बार पढ़ा, कमेन्ट दिया, शुक्रिया.
कफस=पिंजरा (पिंजड़ा) तामीर=निर्माण.
bahut khub.....
http://i555.blogspot.com/ mein is baar तुम मुझे मिलीं....
jaroor padhein....
बहुत बहुत बंधाई ...मलखान जी .
dosti me ahasan nahee hota mere dost
टिप्पणी तो आमीन के ब्लॉग पर भी छोड़ आया था। अगर हो सके तो इसको भी देख लेना यार।
हकदार तो नहीं था, जो तूने दे दिया
दोस्ती में खुदा का सम्मान
पत्थर को कहकर जिन्दा ए दोस्त,
कर दिया तुमने इक अहसान
दोस्तों से बढ़ा आमीन रुतबा मेरा
छूने नहीं, मुझे कोई आसमान
अच्छी पंक्तिया हैं ...
aap hakdaar ho yaar, aisaa kyon sochte ho????
thanks.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
एक टिप्पणी भेजें