जिन्दगी के कुछ रंगों को समेटकर शब्दों से मुस्कुराहट बाँटने की कोशिश :)
ड्राई डेज में भी ?? :)
बहुत सही कहा. यारों की महफ़िल हो तो पीये बिना ही नशा रहता है.रामराम.
क्या बात है………
achchi baat kisi se kam hona bhi nahi chahiye..badhiya prstuti
बेहतरीन अभिव्यक्ति!
कहीं पढ़ा था "उनकी निगाह से ऐसी शराब पी मैंने ना कभी होश का दावा किया वो और होंगे जिन्हें मौत आई होगी निगाहे यार से पाई हैं ज़िन्दगी मैंने
अच्छा ही है ये तो.
bahut bdhiya
बढ़िया जी बढ़िया.लगे रहो............धन्यवाद.WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
संजय जी, वो पंकज उधास जी तो कहते हैं...थोड़ी-थोड़ी पिया करो???
waahji bhadiya hai...
जरुर जमेगी एक दिन दोस्तों की महफिल!
बढ़िया अंदाज़ है..जमे रहें.______________ भारतीय नववर्ष विक्रमी सम्वत 2067 और चैत्री नवरात्रारंभ पर हार्दिक शुभकामनायें.
कम शब्दों में ऊँची बात..दाद देता हूँ आपकी.
बहुत खूब ....
wah kya baat hai....waise aajkal navratri ka season hai....peene pilane se tauba..
हम विस्की नहीं पीते हम रम नहीं पीतेहम जाम के नाम पर गम नहीं पीते अगर मिल जाये यारो की महफ़िल खुदा की कसम ,फिर किसी से कम नहीं पीतेबल्ले.....!!
waaaaaaaaaaaaaah
thumbs up
MERA HOSLA BADHANE KE LIYA AAP SABHI KA SHUKRIYA UMEED HAI AGAE BHI MERA HOSHLA BADHAINGE
बहुत अच्छा लगा |ऐसे ही एक सा'ब नीम-बेहोशी सड़क के किनारे डले हुए कह रहे थे -बुरी सोहबत का यही हश्र होता है |हम चार लोगों की महफ़िल थी एक बोतल थी वे तीनो पीते ही नहीं थे
वाह वाह क्या बात है! चंद शब्दों में आपने बहुत कुछ कह दिया! बेहतरीन प्रस्तुती!
कमाल है !!!!!!!!
बहुत खूब। लिखा है।
Jitna chitr sundar utnee hee rachna sashakt!
बढ़िया अंदाज़ है..जमे रहें.
यारों के यार हैं हम .... क्या बात है ... लाजवाब ... बहुत कुछ मिस किया मैने ....
आपने बिना पिए ही बहुत पिला दी
बहुत खूब
`kya baat hai yaar
क्या बात है ... लाजवाब
एक टिप्पणी भेजें
33 टिप्पणियां:
ड्राई डेज में भी ?? :)
बहुत सही कहा. यारों की महफ़िल हो तो पीये बिना ही नशा रहता है.
रामराम.
क्या बात है………
achchi baat kisi se kam hona bhi nahi chahiye..badhiya prstuti
बेहतरीन अभिव्यक्ति!
कहीं पढ़ा था
"उनकी निगाह से ऐसी शराब पी मैंने ना कभी होश का दावा किया
वो और होंगे जिन्हें मौत आई होगी निगाहे यार से पाई हैं ज़िन्दगी मैंने
कहीं पढ़ा था
"उनकी निगाह से ऐसी शराब पी मैंने ना कभी होश का दावा किया
वो और होंगे जिन्हें मौत आई होगी निगाहे यार से पाई हैं ज़िन्दगी मैंने
कहीं पढ़ा था
"उनकी निगाह से ऐसी शराब पी मैंने ना कभी होश का दावा किया
वो और होंगे जिन्हें मौत आई होगी निगाहे यार से पाई हैं ज़िन्दगी मैंने
अच्छा ही है ये तो.
bahut bdhiya
बढ़िया जी बढ़िया.
लगे रहो............
धन्यवाद.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
संजय जी,
वो पंकज उधास जी तो कहते हैं...
थोड़ी-थोड़ी पिया करो???
waahji bhadiya hai...
जरुर जमेगी एक दिन दोस्तों की महफिल!
बढ़िया अंदाज़ है..जमे रहें.
______________
भारतीय नववर्ष विक्रमी सम्वत 2067 और चैत्री नवरात्रारंभ पर हार्दिक शुभकामनायें.
कम शब्दों में ऊँची बात..दाद देता हूँ आपकी.
बहुत खूब ....
wah kya baat hai....
waise aajkal navratri ka season hai....
peene pilane se tauba..
हम विस्की नहीं पीते हम रम नहीं पीते
हम जाम के नाम पर गम नहीं पीते
अगर मिल जाये यारो की महफ़िल
खुदा की कसम ,फिर किसी से कम नहीं पीते
बल्ले.....!!
waaaaaaaaaaaaaah
thumbs up
MERA HOSLA BADHANE KE LIYA AAP SABHI KA SHUKRIYA
UMEED HAI AGAE BHI MERA HOSHLA BADHAINGE
बहुत अच्छा लगा |ऐसे ही एक सा'ब नीम-बेहोशी सड़क के किनारे डले हुए कह रहे थे -बुरी सोहबत का यही हश्र होता है |हम चार लोगों की महफ़िल थी एक बोतल थी वे तीनो पीते ही नहीं थे
वाह वाह क्या बात है! चंद शब्दों में आपने बहुत कुछ कह दिया! बेहतरीन प्रस्तुती!
कमाल है !!!!!!!!
बहुत खूब। लिखा है।
Jitna chitr sundar utnee hee rachna sashakt!
बढ़िया अंदाज़ है..जमे रहें.
यारों के यार हैं हम .... क्या बात है ... लाजवाब ... बहुत कुछ मिस किया मैने ....
आपने बिना पिए ही बहुत पिला दी
बहुत खूब
`kya baat hai yaar
क्या बात है ... लाजवाब
एक टिप्पणी भेजें