कब से उड़ रही है
थकती नहीं
शाम ढले भी चहचहाती है
घोंसले को बनाती है ,सजाती है
खुद को सवारने से पहिले
शाम ढले भी चहचहाती है
घोंसले को बनाती है ,सजाती है
खुद को सवारने से पहिले
बच्चो को खिलाती है ,उड़ना सिखाती है
फिर अपने साजन का करती है इंतिज़ार
करके श्रींगार ,घोंसले को रखती है
फिर अपने साजन का करती है इंतिज़ार
करके श्रींगार ,घोंसले को रखती है
ज्यों हो मंदिर प्यार का
जिसमे आते ही साजन
बजती है प्यार की घंटियाँ
जिसकी मधुर आवाजें
दिलों की धडकने बन
संसार में फैलाती है प्यार ,प्यार ,प्यार
तुम हो वो चिड़िया ..........
जिसमे आते ही साजन
बजती है प्यार की घंटियाँ
जिसकी मधुर आवाजें
दिलों की धडकने बन
संसार में फैलाती है प्यार ,प्यार ,प्यार
तुम हो वो चिड़िया ..........
राकेश मुथा जी आपने बहुत ही खूबसूरत लिखा .....
मुझे इतना पसंद आया की मैं अपने ब्लॉग पर भी पोस्ट कर दिया ...
http://seepkasapna-rakesh.blogspot.com |
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27 टिप्पणियां:
बहुत ही खूबसूरत रचना लगी ।
bahut bahut abhar...khoobsurat hain
बहुत खूब,मन छू गई रचना
main sabse pahle aai rahi magar box nahi khula aur ye mauka kisi or ke haath lag gaya ,itni khoobsurat rachna ke liye badhai bahut .man ko sparsh kar gayi .
Dil khush kar diya sanjay!!!!
kavita ne bhi aur chitra ne bhi..
Jai Hind...
वाकई बहुत सुन्दर
शानदार
amitraghat.blogspot.com
बहेतरीन रचना .
"तुम हो वो चिड़िया .........."
प्रशंसनीय रचना - लोग तो बस खुद को ही अच्छा समझते हैं.
खूबसुरत रचना।
खूबसुरत रचना।
प्यार का सन्देश बाँटती हुई चिड़िया को
आपकी रचना के रूप में पढ़ कर
मन को बहुत सुकून हासिल हुआ
बधाई/आभार .
सुन्दर प्रेमपूर्ण रचना ।
chidiyaa bahut sunder hain.
thanks.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
chidiyaa bahut sunder hain.
thanks.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
हमेशा की तरह ख़ूबसूरत रचना! दिल को छू गयी हर एक पंक्तियाँ! पंछी बहुत ही प्यारी है!
बहुत बढ़िया
आशू
अत्यंत सुंदर कविता...धन्यवाद जी
अति सुन्दर ।
चिड़िया भी और रचना भी।
दिल को भाया.....
लड्डू बोलता है ....इंजीनियर के दिल से
http://laddoospeaks.blogspot.com
सुंदर रचना.
रामराम.
waakaee saccha aur saarthak likhaa hai. manik
खूबसुरत रचना।
bahut hii sahi soch hai aapki aaj kal is bhaag dod kii zindagii me muskuraane kii aadat kahi kho sii gai he aapkaa prayaas saraahniiy hai
प्यार प्यार प्यार ... सच में पंछी प्यार का संदेस देते
खूबसुरत रचना।
अत्यंत सुंदर कविता...धन्यवाद
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